कानपुर का खेरेश्वर मंदिर जहाँ आज भी अश्वत्थामा पूजा करने आते हैं| Khereshwar Mandir Kanpur.

      अगर आप कानपुर के आस पास रहते हैं तो आपने शिवराजपुर के खेरेश्वर धाम के बारे मे तो सुना ही होगा कहा जाता है इस धाम की स्थापना गुरु द्रोणाचार्य ने स्वयं की थी, वैसे तो यहाँ साल के बारह महीने भक्तों की भीड रहती है लेकिन श्रवण(सावन) माह मे यहाँ दूर-दूर से आए भक्तों का सैलाब देखने को मिलता है।

खेरेश्वर धाम की मान्यता- Khereshwar Dham Ki Manyata

खेरेश्वर धाम के सुबह जब भी कपाट खोले जाते हैं तो पहले से ही शिव लिंग की पूजा हुयी मिलती है, यहाँ के बारे मे मान्यता एसी की आज भी यहाँ सुबह की सबसे पहली पूजा अश्वत्थामा करने आते है क्योंकि उन्हे उन्हे अमर होने का वरदान प्राप्त है।

अभी तक कई सारे न्यूज चैनल व रिसर्च एजन्सीज ने अपने कई सारे स्मार्ट गैजेट्स व टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके इस रहस्य के बारे मे पता लगाने की कोशिश की परन्तु सफलता हाथ नहीं लगी।



खेरेश्वर कैसे जाएं- Khereshwar Kaise Jayein

खेरेश्वर जाने के लिये सबसे पहले आपको कानपुर आना होगा फिर आपको यहाँ से आपको शिवराजपुर आना होगा, अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं तो आपको कानपुर से बर्राजपुर स्टेशन आना होगा, शिवराजपुर से 2 कि.मी. दूर गंगा रोड स्थित खेरेश्वर धाम पहुंच जयेंगे।


खेरेश्वर धाम के आस-पास दर्शनीय स्थल- Khereshwar Dham ke Aas- Pas Darshniya Sthal

खेरेश्वर धाम के आस-पास आपको कई दर्शनीय स्थल देखने को मिलते हैं, जैसे- गंगा जी घाट, 51 दरवाजा महाकाल का मंदिर, दूधेश्वर मंदिर व भूतेश्वर मंदिर्।

  • गंगा जी घाट- खेरेश्वर धाम से 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित गंगा घाट पर जाकर आप मां गंगा के पावन दर्शन कर सकते हैं।

  • 51 दरवाजा महाकाल मंदिर- वैसे तो जब आप गंगा जी के दर्शन करने जयेंगे तो वहाँ आपको सैकणों वर्ष पुराने कई सारे शिव मंदिर देखने को मिलेंगे परन्तु वहीं आपको मोक्ष धाम के बगल मे बने महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन प्राप्त होंगे इस मंदिर को 51 दरवाजा मंदिर भी कहा जाता है इस मंदिर के बारे एसा कहा जाता है कि इस मंदिर मे 51 दरवाजे लगे हुए हैं परन्तु आज तक इसे कोई गिन नहीं पाया है जब कोई इन्हे गिनता है तो कभी दरवाजों की संख्या ज्यादा निकलती है तो कभी कम निकलता है।

  • दूधेश्वर मंदिर- यह मंदिर खेरेश्वर धाम से थोडी दूरी पर काकूपुर गांव मे स्थित है, यहाँ भगवान भोलेनाथ की दूधिया सफेद रंग की शिवलिंग स्थापित है इसलिये इन्हे दूधेश्वर कहा जाता है एसा कहा जाता है कि यह गुरू द्रोणाचार्य का स्थान है यहीं पर कौरवों और पांडवों ने अपनी दीक्षा हासिल की थी।

  • भूतेश्वर मंदिर- यह धाम शिवराजपुर मे स्टेशन के पास ही स्थित है माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना करीब 800 वर्ष पूर्व हुई थी यह धाम स्थानीय लोगो की आस्था का केंद्र है अत: यहाँ प्रतिदिन बडी संख्या मे भक्त दर्शन करने आते हैं।

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