1.हरिहर किला का इतिहास- History of Harihar Fort
नासिक से लगभग 40कि.मी. की दूरी पर स्थित यह हरिहर किला जिसको हरिहर गढ़ के नाम से भी जाना जाता है, इतिहास की माने तो हरिहर किले(Harihar Fort) की स्थापना यादव राजवंश के द्वारा 9वीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी के बीच की गयी गयी थी, इस किले का निर्माण यहाँ के व्यापार मार्ग की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए किया गया था।
यूं तो इस किले पर कई राजाओं ने आक्रमण कर अपना वर्चस्व स्थापित किया और सबसे आखिर 1818 मे ब्रिटिश सेना ने इस किले पर कब्जा कर लिया और ब्रिटिश सेना के अधिकारी कैप्टन ब्रिग्स(Caiptan Brigs) के आदेश पर इस किले को ब्रिटिश सेना ने अपने हथियारों और तोपों से नष्ट कर दिया परन्तु कैप्टन ब्रिग्स ने इस किले को जाने वाली सीढियों को नहीं तोड़ने का आदेश दिया क्यूकि इन सीढ़ियों के कोण और बनाने के तरीके से कैप्टन ब्रिग्स बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ था और इस वजह से उसने उन सीढ़ियो को नहीं तोड़ने का निश्चय किया ।
2. हरिहर किले की खासियत- Specialty of Harihar Fort
वैसे तो हरिहर किले की कई सारी खासियतें हैं, सबसे पहले तो यह भारत की ऐसी ऐतिहासिक धरोहरें हैं जिन्होने दुनिया को बदलते हुए देखा है, और दूसरी खास बात है इस किले की बनावट- इस किला लगभग 170मी. ऊंची पहाड़ी पर बना है तथा इसको और भी खास बनाती है इस किले तक जाने वाली सीढ़ियां जोकि पर्यटकों के सफर को और भी खास और रोमांचक बनातीं है ये सीढ़ियां 80डिग्री तक खड़ी हैं कहीं- कहीं तो ये सीढ़ियां 90डिग्री तक खड़ी हैं तथा इस सीढ़ियों को इसी पहाड़ को कुरेद कर बनाया गया है यह चढ़ाई देखने मे बहुत ज्यादा खतरनाक लगती है, आप सीढ़ियों से ऊपर चढ़ के इस किले के मुख्य द्वार पर पहुंचते हैं जोकि अभी भी बिलकुल सही सलामत है फिर आप आगे की यात्रा कर के इस पहाड़ी की चोटी पर पहुंचते है, जैसा कि आपको पहले ही इस पोस्ट मे बताया जा चुका है कि इस किले को ब्रिटिश शासन काल मे तोड़ दिया गया था तो आप यहाँ किले पर बहुत कुछ देखने को नहीं मिलता है,यहाँ पर आपको एक शिव मंदिर, एक हनुमान मंदिर,एक तालाब व एक हॉल देखने को मिल जाता है परन्तु यहाँ से प्राकृतिक सुंदरता निहारते ही बनती है।
3. कब जाना चहिये- When to go..
वैसे तो आप हरिहर किला(Harihar Fort) कभी भी घूमने जा सकते हो परन्तु बरसात के समय यहाँ का नजारा और यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता अपने पूरे सवाब पर होती है, यह समय पर्यटकों को बहुत ही खास अनुभव कराता है लेकिन आपको सप्ताह के अंत(Week end) मे आने से बचना चहिये जैसे शनिवार और रविवार मे आने से बचना चहिये क्यूंकि सप्ताह के अंत मे यहाँ बहुत ही जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है।
4. हरिहर किला कैसे जाएं- How to reach Harihar Fort.
हरिहर गढ़ पहुंचने के लिये सबसे पहले आपको नासिक जाना होगा जोकि देश के सभी मुख्य शहरों से रेल मार्ग व सड़क मार्ग से बहुत ही अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
हरिहर किला जाने के लिये दो मार्ग है एक मार्ग निर्गुणपाड़ा से है जोकि बहुत ज्यादा लम्बा है, और दूसरा मार्ग हर्षिवाड़ी से है जोकि थोड़ा छोटा और अच्छा मार्ग है यात्रा के दौरान एक जगह पर ये दोनो मार्ग आपस मे मिल जाते हैं, तो इस पोस्ट मे हम हर्षिवाड़ी मार्ग की बात करेंगे, हर्षिवाड़ी आने के लिये सबसे पहले आपको नासिक से त्रयंबक आना होगा फिर आपको यहाँ से ऑटो रिक्शा ले के त्रयंबक से लगभग 13कि.मी. दूर हर्षिवाड़ी गांव पहुंचना होगा, इसी गांव मे हरिहर किला स्थित है।
5. किन-किन चीजों का ध्यान रखें- What are the things keep in your mind.
हरिहर किला(Harihar Fort) जाने से पहले आपको कई चीजों का ध्यान रखना होगा जैसे कि सबसे पहले तो आप शारीरिक तौर पर एक दम फिट हो और आपको ऊंचाई से डर न लगता हो।
हरिहर किला(Harihar Fort) जा रहें हैं तो आप बहुत ज्यादा चुस्त कपड़े पहन के न जाएं जिससे आपको सीढ़ियां चढ़ने मे परेशानी न हो और दूसरी चीज आप कोई अच्छे स्पोर्ट्स सूज पहन के ही जाएं।
यहाँ सीढ़ियां चढ़ने के दौरान आपको कई सारे बंदर दिखेंगे तो आपको उन्हे छेड़ना बिलकुल नहीं है न ही उनकी तरफ देखना है और न उन्हे कुछ खाने को देना है, सम्भव हो तो आप अपने साथ कोइ बैग वगैरह न ले जाएं कभी-कभी बंदर बैग देख के भी आक्रमक हो सकते हैं जिससे आपका संतुलन बिगड़ सकता है।
अगर आप एक ट्रवल व्लॉगर हैं तो आप यहाँ हेड किट के साथ गो-प्रो जैसे कैमरे के साथ ही व्लॉगिंग करे न कि एक हाथ मे कैमरा या फोन ले के व्लोगिंग करें ऐसा करने से आपका संतुलन तो बिगड़ ही सकता है साथ ही बंदर भी आपके फोन या कैमरे पर अटैक कर सकते हैं।
ब्लॉग को पूरा पढ़ने के लिये धन्यवाद आपको यह ब्लॉग कैसा लगा कमेंट कर के जरूर बताएं और आपके पास यहाँ से जुड़ी और भी कोई जानकारी हो तो वो भी हमें जरूर बताएं हम उस जानकारी को इस व्लॉग मे जरूर जोड़ेंगे, धन्यवाद
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